You are currently viewing सावधान रहिए – अकाउंट/कार्ड अधिग्रहण (टेकओवर) धोखाधड़ी

सावधान रहिए – अकाउंट/कार्ड अधिग्रहण (टेकओवर) धोखाधड़ी

डिजिटल युग में, आईडी और पासवर्ड से आपके बैंक खाते तक पहुंचना बहुत आसान है, ऐसे में खाते/कार्ड से संबंधित पासवर्ड की गोपनीयता बनाए रखने के लिए अत्यंत सावधानी रखने की आवश्यकता है। अगर ये गोपनीय जानकारियां किसी गलत व्यक्ति के हाथ लग जाती हैं, तो वो इससे, आपकी मेहनत की कमाई को ले उड़ेगा। ग्राहकों को बार-बार, अगल-अलग माध्यमों से जागरुक करने कि कोशिश की जाती है, और समझाया जाता है कि ग्राहक अपना कार्ड नंबर, पिन, सीवीवी, एक्सपायरी डेट, खाते का पासवर्ड आदि किसी के साथ साझा न करें, लेकिन फिर भी कुछ ग्राहक सर्तकता नहीं बरतते हैं और धोखेबाजों के जाल में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गवा देते हैं।

अकाउंट / कार्ड का टेकओवर क्या है

इसका अर्थ है कि जब आपके बैंक खाते का कंट्रोल, किसी दूसरे व्यक्ति के पास चला जाए और वो आपकी पहचान चुराकर धोखाधड़ी करे। ये तब होता है, जब एक जालसाज़ उपभोक्ता के अकाउंट के क्रेडेंशियल्स या खाते का पासवर्ड प्राप्त करके उसके अकाउंट से पैसा निकाल लेता है। अकाउंट टेकओवर या खाते का अधिग्रहण आईडी और पासवर्ड का उपयोग करने के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड / डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारी जैसे कार्ड नंबर, वैधता की तारीख, सीवीवी, और इसी तरह की जानकारी प्राप्त करके हो सकता है।
उदाहरण के लिए, अगर जालसाज़ के पास उपभोक्ता की नैटबैंकिग से जुड़ी आईडी और पासवर्ड की जानकारी होगी तो वो बड़ी आसानी से उसके अकाउंट से पैसा निकाल सकता है। इतना ही नहीं धोखेबाज और जालसाज़ इतने तेज होते हैं कि वो ट्रांजेक्शन के लिए OTP की जानकारी भी किसी बहाने द्वारा आप से हासिल कर लेते हैं।

ग्राहकों के खाते के विवरण को प्राप्त करने के लिए, जालसाज विभिन्न तरकीबों से अपना शिकार बनाते हैं, जैसे

  • फर्जी बैंक अधिकारी बनकर, वो ग्राहकों को कॉल करते हैं और उन्हें KYC को अपडेट करने के लिए एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहते हैं, जिसमें ग्राहक को अपने खाता संख्या, आईडी, पासवर्ड या यहां तक कि कार्ड डिटेल्ज़ को डालने के लिए कहते है। यही गोपनीय जानकारी प्राप्त करके, खाते से पैस निकाल लेते हैं।
  • कैश बैक, रिफंड, गिफ्ट वाउचर, सरकारी अनुदान,आदि के बारे में जालसाज कॉल/ईमेल करते हैं
  • ATM धारकों को सहायता की आड़ में, जालसाज उपयोगकर्ता को भ्रमित करते हुए ATM पिन को नोट कर लेते हैं और उनके असली ATM कार्ड के बदले कोई और कार्ड थमा देते हैं और बाद में, ग्राहक के असली कार्ड और PIN से जालसाज खुद पैसे निकाल लेते हैं।

नक्कालों से सावधान रहिए, ऐसे धोखाधड़ी के विवरणके लिए, कृपया ब्लॉग सावधान रहिए – नक्कालों से सावधान  पढ़ें ।

ध्यान देने योग्य बातें

  • प्रत्येक साइट के लिए एक मजबूत, अलग किस्म का यूजरनेम (username) और अल्फ़ान्यूमेरिक (अक्षर और अंको से मिश्रित) पासवर्ड बनाएँ।
  • कभी भी अपना अकाउंट नंबर, OTP, पासवर्ड, कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट, CVV आदि को दूसरों से साझा न करें। Paytm आपको कभी भी आपकी निजी जानकारी साझा करने के लिए नहीं कहता है।
  • जालसाजों द्वारा भेजे गए KYC संबंधी कॉल/SMS को नजरअंदाज करें और SMS में बताए गए मोबाइल नंबर पर कभी कॉल न करें
  • यदि आपको बैंक कार्यकारी के रूप में अज्ञात नंबर से कोई कॉल प्राप्त होता है, तो कॉल करने वाले की प्रामाणिकता को आंकने के लिए समय लें। थोड़े से भी संदेह होने पर, अपने खाते से सम्बंधित किसी भी सवाल का जवाब न दें।
  • जब आप बैंकिंग लेनदेन के लिए सार्वजनिक नेटवर्क का उपयोग करते हैं तो नेटवर्क की सुरक्षा को लेकर सावधानी बरतें
  • अपने कार्ड पिन की गोपनीयता बनाए रखें और सुनिश्चित करें कि आपका PIN सिर्फ आप तक रहे। कार्ड पर अपना पिन कभी न लिखें
  • ATM में अपने आस-पास नज़र रखें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपके पिन को कोई देख तो नहीं रहा
  • अपना पासवर्ड, पिन समय समय पर बदलते रहें
  • बैंक ट्रांजेक्शन अलर्ट के लिए SMS भेजता है, अगर खाते में कोई गलत लेन-देन नजर आए तो तुरंत इसके बारे में बैंक से सम्पर्क करें
  • अपनी समस्या का समाधान पाने के लिए हमेशा https://www.paytmbank.com/Polurities/Customer-Grievance-Redressal-Policy-for-Paytm-Payments-Bank.html पर दिए पेटीएम हेल्पलाइन नंबरों का ही उपयोग करें।